अब तो सब कुछ ख़त्म हो चुका था
राजेश रॉय और रश्मी चटर्जी की कहानी है जो बंगाल की राजधानी कोलकाता के चाइनाटाउन में सुनी हर किसी ने ज़ुबानी है. क्या ऐसा भी हो सकता है कि सब कुछ ख़त्म होने के बाद भी रिश्तो का मोल कुछ बच सा गया हो? नहीं न ? तो फिर यह कैसे हो सकता है कि अब तो सब कुछ ख़त्म हो गया हो ? ......अब तो सब कुछ ख़त्म हो चुका था ! राजेश ने रश्मी की लाश पर कुदाल मारते हुए रो-रोकर चींखते-चिल्लाते यह सारी बातें कह डाली. वह दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन कास्ट की कांट ने उनके रिश्ते की दूरी को काट डाला था.
उन्ह दोनों ने साथ जिन्हे की कसमें खाई ज़रूर थी लेकिन राजेश ने उनको पत्थर की लकीर मान लिया था और रश्मी जो शायद एक समय तो उससे प्यार करती रही हो अपनी लालच और महत्वकांशा के चलते किसी दूसरे दुहाजा व्यक्ति की बीवी कम बाई बनने कोई तैयार हो गई.
हाई रे यह प्यार ! कितना सितम कर गई रश्मी तू राजेश पर जो तुम्हारे साथ एक हसीन ज़िन्दगी गुज़ारना चाहता था और तुम्हे अपने बच्चे की माँ के रूप में देखता था. Read More....
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